इटली में क्रेसिन नाम का किसान रहता था। वह बुद्धिमान और परिश्रमी था। अपनी खेती में उन्नति के लिए वह सदैव प्रयत्नशील रहता था। एक बार उसने अपनी मेहनत के दम पर इतनी अच्छी पैदावार की कि लोग आश्चर्य के साथ ईष्र्या करने लगे। लोगों ने सोचा कि अवश्य ही क्रेसिन कोई जादू जानता है। उन्होंने इस बात को लेकर अदालत में अपील की।
न्यायाधीश ने पहले वादी का बयान सुना, जिसमें उसके द्वारा जादू करने तथा इसे नियम विरुद्ध बताकर उसे दंडित करने का आग्रह किया। न्यायाधीश ने क्रेसिन की ओर उन्मुख होकर पूछा - इस पर तुम्हारा क्या कहना है?
क्रेसिन ने अपनी एक हृष्ट-पुष्ट लड़की, अपने खेती के औजार, बैल आदि को अदालत के सामने खड़ा कर कहा- मैं खेत को भली-भांति जोतकर, खाद डालकर अच्छा तैयार करता हूं। मेरी लड़की बीज बोती है और पानी आदि देकर खेत की ठीक से देखरेख करती है।
इसी तरह मेरे औजार भी उत्तम हंै और मेरे बेल भी एकदम स्वस्थ व सबल हैं, क्योंकि मैं इन्हें खूब खिलाता-पिलाता हूं। मेरे खेत में काफी पैदावार होने पर ये लोग जिस जादू की बात करते हैं वह जादू इन सब में है, जो आपके सामने मैंने प्रस्तुत किए।
न्यायाधीश बोले- आज तक कई अपराधी मेरे सामने आए, किंतु इतने सबल प्रमाण किसी ने भी प्रस्तुत नहीं किए। मैं इन्हें मुक्त करता हूं। यह कहकर न्यायाधीश ने क्रेसिन को मुक्त कर दिया। वस्तुत: किसी भी कार्य में पूर्ण सफलता कठोर परिश्रम से ही प्राप्त होती है। साथ ही साधनों का उत्कृष्टतम उपयोग सफलता की गारंटी है
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